बिहार राज्य आशा संघ के बैनर तले आशा ने सीएचसी मुशहरी के समक्ष सात सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। सीएचसी प्रभारी, स्वास्थ्य प्रबंधक और बीसीएम को स्वास्थ्य प्रबंधक कार्यालय में करीब दो घंटे तक बंधक बनाकर रखा। मुशहरी पुलिस की पहल पर बंधक बने सीएचसी प्रभारी डॉक्टर उपेंद्र चौधरी, स्वास्थ्य प्रबंधक कुमार रामकृष्ण और बीसीएम रंजना राय को मुक्त कराया गया।
संघ की जिला सचिव अनीता शर्मा ने मुख्यमंत्री से आशा को सरकारी सेवक का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने सीएचसी प्रभारी से मुशहरी में कार्यरत सभी आशा की विभिन्न लंबित योजनाओं की प्रोत्साहन राशि अविलंब भुगतान करने, जननी बाल सुरक्षा योजना फर्जीवाड़ा में लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ्य प्रबंधक और बीसीएम की बर्खास्तगी की मांग की है।
पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी से मिलकर सात सूत्री मांगों से संबंधित मांग पत्र सौंपा। मौके पर प्रखंड अध्यक्ष शीला शर्मा, प्रखंड सचिव मुनीता कुमारी, अंचला कुमारी, वंदना कुमारी सहित अन्य आशा उपस्थित थीं। पीएचसी कुढ़नी में धरना देते हुए आशा ने सरकार से मांग किया की कि हमें 21 हजार रुपए मासिक वेतन और राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए।
मौके पर प्रखंड अध्यक्ष साधना तिवारी, पवित्री देवी, राजकुमारी देवी, चंदा देवी, पुष्पा देवी, रेखा देवी आशा देवी आदि थीं। मोतीपुर पीएचसी में आंदोलनकारी आशा ने चिकित्सा सेवा ठप कर चिकित्सा पदाधिकारी और बीसीएम को बंधक बना दिया। सरकार व अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और धरना पर बैठ गई।
अस्पताल में कार्य को बंद हाेने से मरीजाें में अफरा तफरी का माहौल बना रहा। इलाज कराने के लिए दूर दराज से आए मरीज बगैर इलाज कराए ही वापस लौट गए। धरना प्रदर्शन को सीमा शाही, आशा सिंह, विभा देवी, जानकी देवी, बिंदु देवी आदि ने संबाेधित किया। साहेबगंज सीएचसी में आशा संघ ने धरना दिया और नारेबाजी की। अनिता देवी के नेतृत्व में प्रमिला देवी, ललिता देवी, उर्मिला देवी, नीलू देवी, सरिता देवी सहित अन्य धरना पर बैठी थीं।
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