बिहपुर पुलिस की पिटाई से मड़वा निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक की माैत मामले में एसआईटी ने तीन पुलिसकर्मियों को शुक्रवार की देर शाम कदवा दियारा से गिरफ्तार कर लिया। इनमें बिहपुर थाने में पदस्थापित एएसआई शिवबालक प्रसाद, होमगार्ड जवान राजू पासवान और मनोज चौधरी शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद तीनों पुलिसकर्मियों से गुप्त स्थान पर वरीय पुलिस पदाधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
एसआईटी टीम का नेतृत्व कर रहे नवगछिया एसडीपीओ दिलीप कुमार ने बताया कि सूचना मिली कि तीनों कदवा दियारा में एक बासा पर छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तीनों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि बिहपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष रंजीत कुमार सहित अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही सभी पुलिस गिरफ्त में होंगे।
24 अक्टूबर को पुलिस ने की थी आशुतोष की पिटाई
एनएच-31 पर महंथ स्थान चौक के पास 24 अक्टूबर को वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस और सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक के बीच नोकझोंक हुई थी। इसके बाद बिहपुर थानेदार रंजीत कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की थी। थानेदार आशुतोष को पीटते हुए थाने ले गए थे।
वहां हाजत में नंगा कर थानेदार ने डंडे और अन्य पुलिस वालों ने बूट से पीटा था। उसी दिन शाम में परिजनों उन्हें इलाज के लिए मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां 25 अक्टूबर की सुबह उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में परिजनों ने थानेदार सहित छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई है।
दर्जनों ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से एसपी को सौंपा मांग पत्र
पुलिस की पिटाई से मड़वा गांव निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक की मौत के मामले में ग्रामीणों में आक्रोश है। शुक्रवार को मड़वा के दर्जनों ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से नवगछिया एसपी स्वप्नाजी मेश्राम को आवेदन देकर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, मृतक के आश्रित को शैक्षणिक योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी और परिजनों को 25 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। एसपी ने ग्रामीणों से कहा कि आप कानून पर भरोसा रखें। इधर, एहतियात के तौर पर बिहपुर थाने की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शुक्रवार को पर्याप्त संख्या में विभिन्न कंपनियों के अर्द्धसैनिक बलों को बुलाया गया है। जो थाने की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह अलर्ट हैं।
पुलिस का तालिबानी चेहरा निंदनीय और बर्दाश्त से बाहर
इंजीनियर की पुलिस पिटाई में मौत के मामले में परशुराम सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा ने डीजीपी को ज्ञापन सौंपा। कहा कि तालिबान की तरह पुलिस प्रशासन जो किया वह काफी निंदनीय है यह बर्दाश्त से बाहर है। उन्होंने बिहार सरकार से अनुरोध है पीड़िता को नौकरी और दोषियों को सजा देने के मांग की।
जांच में सहयोग के लिए भागलपुर से दो टेक्निकल एक्सपर्ट को नवगछिया भेजा
बिहपुर थानेदार रंजीत मंडल और उसके सहयोगी पुलिसवालों की पिटाई से इंजीनियर आशुतोष ठाकुर की मौत मामले की जांच में सहयोग के लिए भागलपुर के दो टेक्निकल एक्सपर्ट को नवगछिया भेजा गया है। इसके लिए नवगछिया एसपी स्वप्नाजी मेश्राम ने डीआईजी को पत्र लिखा था। डीआईजी सुजीत कुमार के निर्देश पर भागलपुर के टेक्निकल सेल प्रभारी कौशल भारती और सिपाही राकेश कुमार को अगले आदेश तक नवगछिया में बने रहने का निर्देश दिया गया है। ये दोनों टेक्निकल एक्सपर्ट आशुतोष हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी को सहयोग करेंगे।
आरोपियों की गिरफ्तारी में मदद करेंगे और केस की तकनीकी पहलुओं की जांच करेंगे। मामले में अब तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। उधर, डीआईजी ने नवगछिया एसपी को निर्देश दिया है कि केस का सुपरविजन वे खुद करें, ताकि बेहतर तरीके से मामले का अनुसंधान हो सके।
मामले में थानेदार पर हत्या का आरोप लगा है, इस कारण पुलिस अनुसंधान में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखना चाह रही है। क्योंकि अगर मामले में एनएचआरसी संज्ञान लेता है तो नवगछिया पुलिस की फजीहत तय है। इस कारण आशुतोष की मौत को पुलिस हिरासत में हुई मौत मानकर जांच की जा रही है। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस आशुतोष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार कर रही है।
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