बिहार विधानसभा के चुनाव में इस बार वर्ष 2015 की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक करोड़पति प्रत्याशी मैदान में हैं। खास बात है कि 2015 की तुलना में आपराधिक मामलों वाले प्रत्याशी भी 2 प्रतिशत अधिक हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफाॅर्म्स (एडीआर) और बिहार इलेक्शन वॉच ने इस बार के तीनों चरणों में चुनाव लड़ने वाले 3733 में से 3722 प्रत्याशियों के शपथ पत्रों के विश्लेषण पर आधारित रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के अनुसार 3322 उम्मीदवारों में से 5 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले 290 प्रत्याशी हैं। वहीं, जदयू और भाजपा से सवा गुना ज्यादा कराेड़पति उम्मीदवार राजद में हैं। भाजपा के 109 में से 94, राजद के 141 में से 120, जदयू के 115 में से 96 उम्मीदवार कराेड़पति हैं। दिलचस्प यह है कि इस बार दोबारा चुनाव लड़ रहे विधायकों की संख्या 201 है। 2015 से लेकर 2020 के चुनाव तक इन विधायकों की औसत संपत्ति में 2.02 करोड़ (71%) की वृद्धि हुई है।
इनमें पांच ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 101 प्रतिशत से लेकर 312 प्रतिशत तक बढ़ी है। वहीं, 1794 (48%) प्रत्याशियाें ने अपनी शैक्षणिक याेग्यता स्नातक और इससे अधिक बताई है। 41 से 60 वर्ष के 1794 (48%) प्रत्याशी हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस बार 3722 उम्मीदवारों में से 1201 (32%) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
2015 में विश्लेषित किए गए 3450 उम्मीदवारों में से 1038 (30%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए थे। वहीं, इस बार राष्ट्रीय दलों के 349, राज्य की पार्टियों के 470, गैर मान्यता प्राप्त दलों के 1607 और 1296 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।
शैक्षणिक योग्यता
- 1556 उम्मीदवारों ने शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच, 1794 ने स्नातक और इससे अधिक, 322 उम्मीदवारों ने साक्षर, 15 उम्मीदवारों ने निरक्षर, 32 ने अपनी योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है।
- 1535 ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच, 1794 ने 41 से 60 वर्ष, 391 ने 61 से 80 और 2 उम्मीदवारों ने आयु 80 वर्ष से अधिक घोषित की है।
- इस बार 371 महिला उम्मीदवार हैं। 2015 में इनकी संख्या 273 थी।
तीसरे चरण में 30% करोड़पति उम्मीदवार
तीसरे व अंतिम चरण की 78 सीटों पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में 30% करोड़पति हैं। वहीं 31% उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 1204 प्रत्याशियों में से 1195 के शपथ पत्र पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार 371 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं 361 करोड़पति हैं।
भाजपा के 34 में से 31, कांग्रेस के 25 में से 17, राजद के 44 में से 35, जदयू के 37 में से 30, लोजपा के 42 में से 31, बसपा के 19 में से 10 उम्मीदवार करोड़पति हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है। उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.47 करोड़ है।
वहीं, राजद के 44 में से 32, भाजपा के 34 में से 26, कांग्रेस के 25 में से 19, लोजपा के 42 में से 18, जदयू के 37 में से 21, बसपा के 19 में से 5 उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 538 उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच, 534 ने 41 से 60 वर्ष के बीच, 123 ने 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है। तीसरे चरण में 110 (9 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं।
महिलाओं पर अत्याचार मामले
115 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार संबंधित मामले घोषित किए हैं। इन 115 में से 12 ने अपने ऊपर बलात्कार से संबंधित मामले घोषित किए।
हत्या और हत्या के प्रयास
73 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले और 278 उम्मीदवारों ने हत्या का प्रयास से संबंधित मामले घोषित किए हैं।
संवेदनशील विस क्षेत्र
243 विधानसभा क्षेत्रों में से 217 (89%), संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
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