मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें थका हुआ कहने वालों को खुली चुनौती दी है। कहा है- जो मुझे थका हुआ कहते हैं, मेरे साथ पैदल चल कर दिखाएं। अपनी और मेरी ताकत आजमा लें। जनवरी 2017 में चम्पारण सत्याग्रह के दौरान मैंने सात किमी पदयात्रा की।
मेरे साथ चलने वाले कई नेता पीछे छूट गए, कई का पता ही नहीं चला कि वे कहां गए। इशारा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर था, जो उस समय सरकार में उप मुख्यमंत्री थे। यात्रा में साथ थे। सीएम सोमवार को सुपौल के निर्मली में जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बीते 15 वर्षों में मैंने जनता की सेवा की है और इसे सभी जानते हैं। सड़क, बिजली, पेयजल के मोर्चे पर बड़े पैमाने पर काम हुए हैं। विपक्ष के नेताओं को उनके सलाहकारों ने सुझाया है कि सीएम पर अटैक करने से ही उन्हें अधिकतम प्रचार मिलेगा। मैं उनकी बातों की परवाह नहीं करता।
10 लाख नौकरी का प्लान
तेजस्वी ने अनुभवहीन कहने वालों को जवाब देते हुए कहा कि 18 महीने के डिप्टी सीएम के कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग का सौ फीसदी खर्च कर वे काबिलियत पेश कर चुके हैं। 10 लाख नौकरी के लिये पैसा कहां से लायेंगे, इस मुद्दे पर कहा इच्छाशक्ति चाहिए।
पैसा आड़े नहीं आयेगा। सीएम, मंत्री और विधायकों की सैलरी कम करके भी नौकरी देनी पड़ी तो दी जाएगी। उनका पैसा भी इसी काम में लगाया जाएगा। संविदाकर्मियों को नियमित नौकरी और मानदेय दोगुना किया जाएगा। तेजस्वी ने कहा- सीएम 10 लाख नौकरी को असंभव कहते हैं।
मेरा मानना है कि लोग चांद पर जा रहे हैं तो फिर नौकरी और फैक्ट्री क्यों नहीं लग सकती? उनकी सरकार ने 6 लाख नौकरियां दीं, पर कभी नहीं कहा पक्की नौकरी के बदले संविदा पर नौकरी दी। तेजस्वी ने नीतीश से पूछा कि वो जब 1985 में पहली बार विधायक बने थे तो अनुभव कहां से लाए थे।
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