मुजफ्फरपुर जिला दाखिल-खारिज के पेंडिंग मामले वाले जिलों में तीसरे स्थान पर है। मुजफ्फरपुर में दाखिल-खारिज के कुल 57599 मामले लंबित हैं। प्रथम तीन स्थानों पर रहने वाले तीनों जिले तिरहुत प्रमंडल के ही हैं। पहले स्थान पर सीतामढ़ी जिला है, जहां 68848 मामले लंबित हैं तथा दूसरे स्थान पर पूर्वी चंपारण जिला है, जहां दाखिल-खारिज के 64220 मामले लंबित हैं। राज्य में दाखिल-खारिज के कुल 9.97 लाख मामले लंबित हैं। जिसमें 699661 मामले 16 प्रमुख जिलों में ही लंबित हैं। चाैथे स्थान पर दरभंगा जिला है, जहां दाखिल-खारिज के 49375 मामले लंबित हैं।
इसकाे देखते हुए सरकार के विशेष सचिव डॉ. श्यामल किशोर पाठक ने दाखिल-खारिज के सर्वाधिक पेंडिंग मामलों वाले चिह्नित 16 जिलों के डीएम काे अपने स्तर से इसकी गहन समीक्षा करने काे कहा है। साथ ही अपर समाहर्ता या उप समाहर्ता स्तर के अधिकारियों काे अंचल वार मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी सौंपने काे कहा है।
दाखिल-खारिज नहीं होने से लोगों के रुके हैं विभिन्न कार्य: दाखिल-खारिज नहीं हाेने से पूरे राज्य में विभिन्न प्रकार के भूमि विवाद हाे रहे हैं। वहीं, जमीन अपने नाम से नहीं हाेने के कारण किसानों को कृषि इनपुट, क्षतिपूर्ति अनुदान, फसल बीमा आदि लाभ नहीं मिलेगा। बैंक से किसी प्रकार का लाेन नहीं ले सकेंगे तथा अपनी जमीन काे मारगेज नहीं कर सकते हैं। दाखिल-खारिज नहीं हाेने से बिक्री करने वाले द्वारा उसी जमीन काे फिर से बेच देने की भी आशंका रहती है।
सीओ व कर्मचारी की लापरवाही से नहीं हाेता समय पर दाखिल-खारिज
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग निर्धारित समय के भीतर दाखिल खारिज करने के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। दाखिल खारिज के ऑनलाइन आवेदन निर्धारित समय में संबंधित अंचल के कर्मचारी से लेकर अंचलाधिकारी तक के लॉगिन में पहुंचता है। इसके बावजूद हल्का कर्मचारी, सीआई तथा अंचलाधिकारी के समय पर कार्य नहीं करने से इतनी बड़ी संख्या में दाखिल खारिज की संचिका लंबित है।
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